Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥

Shri Shiv Chalisa is very important since it retains an unconditional hymn that is devoted to Lord Shiva. During the chalisa, you'll find 40 verses that praise and invoke the blessings of Lord Shiva. The Chalisa will work like a connector to attach devotees towards the divine Electricity of Lord Shiva and just take his pilotage, blessings, and protections.

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त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल है। बाघ की खाल के वस्त्र भी आपके तन पर जंच रहे हैं। आपकी छवि को देखकर नाग भी आकर्षित होते हैं।

शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन पढ़ सकते है।

अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। get more info विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने के फायदे 

शिव भजन

शिवाष्टकम एक शक्तिशाली मंत्र है। ऐसा कहा जाता है कि शिवाष्टक का पाठ करने से आपको  जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए साहस प्रदान करता है। यह स्तोत्र विश्व के सभी लोगों के बीच भी काफी  लोकप्रिय है जो “प्रभुं प्राणनाथंम् विभुं विश्वनाथंम्” से शुरू होता है।

आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

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